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मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की अदालत ने शुक्रवार के दिन चार लड़कियों को पांच साल जेल की सजा सुनाई है। 2013 से चल रहे अनिता शर्मा आत्महत्या केस पर आखिरकार भोपल अदालत ने अपना फैसला सुनाते हुए भोपाल के एक निजी कॉलेज की 4 लड़कियों निधि, दीप्ती, कीर्ति और देवांशी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी पाया और उन्हें 5 साल के कारावास की सजा सुनाई।
जानिए क्या है पूरा मामला-
साल 2013 में एक 17 साल की लड़की अनिता शर्मा ने रैंगिंग से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी, कमला नगर पुलिस को इस मामले की जांच के समय एक सुसाइड नोट मिला था जिसमें अनिता ने अपनी आपबीती बताई थी। सुसाइड नोट में लिखा था- 'मम्मी पापा आई लव यू। आप मुझे मिस मत करना। भाई सबसे ज्यादा तू रोने वाला है क्योंकि तेरी बेस्ट फ्रेंड हमेशा के लिए जा रही है। मैं ना गंदी बन सकती हूं और ना ही स्ट्रॉन्ग। मुझे पिंक सूट पहनाकर जलाना। पापा मैं जानती हूं कि मैं आपकी फेवरेट रही हूं। चाहती थी पढ़ लिखकर पैसा कमाऊं और एक बड़ा घर बनाऊं।'
भावुक नोट में आगे लिखते हुए अनीता ने कहा था कि वह रैंगिंग से बहुत पेरशान है और उन्हें चार लड़कियां (निधि, दीप्ति, कीर्ति और देवांशी) बहुत परेशान करती हैं, अनिता ने इनकी शिकायत अपने कॉलेज के सर से भी की थी लेकिन उन्होनें इस पर कोई एक्सन नहीं लिया। और आखिरकार उन्हें रैंगिंग से तंक आकर आत्महत्या करनी पड़ी।
हर साल सामने आते हैं रैंगिंग के कई मामले-
भारतीय कॉलेजों ने रैंगिंग हमेशा एक फन एक्टिविटी की तरह ही देखी जाती है, फ्रेसर्स को काफी परेशान किया जाता है। सरकार के कई नियम बनाए जाने के बाद रैंगिंग के कई मामले हर साल सामने आते हैं। NGO- अमन मूवमेंट के अनुसार, 2015 से 2019 के बीच भारत में विभिन्न मेडिकल कॉलेजों द्वारा कुल 682 रैगिंग के मामले सामने आए हैं। 2012 से, अमन आंदोलन उच्च शिक्षा नियामक, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के लिए राष्ट्रीय विरोधी रैगिंग हेल्पलाइन चलाने का प्रयास कर रही है।
हैल्पलाइन नम्बर-
मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स ने रैंगिंग के मामलों को कम करने के लिए एक हैल्पलाइन नंबर भी प्रदान कराया है जिस पर शिकायत करने पर एक टीम रैंगिंग कर्ताओं पर कानूनी कार्यवाही को आगे बढ़ाती है।
If you are being ragged or see someone being ragged, call us!
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) August 1, 2019
The Anti Ragging Help Line Number (1800-180-5522) is now available in 12 languages!
Let us come together and make our campuses ragging free. #SayNoToRagging pic.twitter.com/LWuxd6D3K1
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