भोपाल रेल मंडल ने रेलवे बोर्ड की रोक के बावजूद भी करोड़ाें रुपए की यूनिफॉर्म की खरीदी कर ली है। मामला प्रकाश में आने के बाद इसे दबाने के प्रयास किए जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार रेलवे बोर्ड ने 3 अक्टूबर 2017 को एक आदेश जारी किया था। इस आदेश के अनुसार रेलवे ने ग्रुप सी के कर्मचारियों को प्रति वर्ष दी जाने वाली यूनिफॉर्म की जगह 5 हजार रुपए भत्ते का प्रावधान किया था।
सूत्रों के अनुसार रेलवे बोर्ड को लंबे समय से यूनिफॉर्म के घटिया क्वालिटी के होने की शिकायतें मिल रही थीं। जिसके बाद रेलवे ने कर्मचारियों को नकद राशि दिए जाने का प्रावधान किया। ताकि हर कर्मचारी अपनी पसंद का कपड़ा खरीद कर यूनिफॉर्म सिलवा सके।भोपाल रेल मंडल ने उक्त आदेश की अवहेलना करते हुए अगस्त 2018 तक यूनिफॉर्म की खरीदी की। इस दौरान कर्मचारियों को कपड़े के साथ पांच हजार रुपए प्रतिवर्ष यूनिफॉर्म भत्ता भी दिया गया।
10 करोड़ की यूनिफॉर्म और 12 करोड़ का भत्ता :
मामले का खुलासा तब हुआ जब हाल ही में भोपाल रेल मंडल के सीनियर ऑडिट ऑफिसर ने मामले की जांच की। ऑडिट ऑफिसर ने 18 नवंबर 2020 को वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक को एक पत्र लिखकर इस पूरे मामले पर स्पष्टीकरण मांग लिया। इस पत्र के अनुसार अक्टूबर 2017 से अगस्त 2018 तक लगभग 10 करोड़ रुपए की यूनिफॉर्म खरीदी गई। साथ ही कर्मचारियों को 12 करोड़ रुपए का भत्ता भी बांटा गया। जबकि नियमानुसार कोई एक लाभ ही कर्मचारी को दिया जाना था।
क्या कमीशन के लिए चलती रही खरीदी :
इस पत्र के जवाब में वरिष्ठ मंडल सामग्री प्रबंधक ने सफाई देते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2017-18 की खरीदी के लिए 2016 में डिमांड आ जाती है। वहीं बोर्ड का आदेश अक्टूबर 2017 में आया जिसके एवज में अगस्त 2018 तक खरीदी की गई है।
वहीं रेलवे सूत्रों के अनुसार रेलवे में ड्रेस की खरीदी के लिए करोड़ों रुपए का बजट होता है। सूत्र बताते हैं कि ड्रेस सप्लाई करने वाली कंपनी से कमीशन भी मिलता है। जो कि ड्रेस सप्लाई होने के बाद मिलता है। सूत्र बताते हैं कि इसी कमीशन की एवज में ड्रेस की खरीदी चालू रही।
गलत हुआ है तो करेंगे कार्यवाही :
इस पूरे मामले पर डीआरएम भोपाल उदय बोरवणकर का कहना है कि रेलवे में आंतरिक लेखा परीक्षण (इंटरनल ऑडिट) की व्यवस्था है। यदि कहीं कुछ गलत हुआ है तो कार्यवाही होगी। अतिरिक्त राशि प्रावधान मामले में रिकवरी की भी व्यवस्था है।
Bhopal Railway Division Disregarded order of Railway Board And Distributed Uniform With Allowance
